Mohabbat Status for Facebook
मुझे छोड़कर वो खुश है तो शिकायत कैसी, अब मैं उन्हें खुश भी न देखूं तो मोहब्बत कैसी !!!!,,,,,
गजब के खरीदार है वो राह-ए- इश्क के, वो मुस्कुरा देते है और हम बिक जाते है !!!!,,,,,
क्यों वफा ढूंढते हो बेगानों की बस्ती में, वो देखो बेवफा जा रही है कितनी मस्ती में !!!!,,,,,
लिख देना ये अल्फाज मेरी कबर पे, मौत अच्छी है मगर दिल का लगाना अच्छा नहीं !!!!,,,,,
क्या खूब सिला दिया है दिल लगाने का, लहजा भी भूल गया हूँ मैं मुस्कुराने का !!!!,,,,,
मुझे यकीन है मोहब्बत उसी को कहते है, की ज़ख्म ताज़ा रहे और निशान चला जाये !!!!,,,,,
जब भी देखता हूँ हसते खिलखिलाते चेहरे लोगों के, दुआ करता हूँ की इन्हे कभी मोहब्बत ना हो !!!!,,,,,
मोहब्बत और वफ़ा की हमेशा से दुश्मनी रही है, ना तो वफ़ा से मोहब्बत मिलती है और ना ही मोहब्बत से वफ़ा !!!!,,,,,
मेरी मौत की खबर उसे ना देना मेरे दोस्तो, घबराहट होती है की कहीं पागल ना हो जाये वो इस खुशी में !!!!,,,,,
मत कर इतना गुरुर खुद पर, हमने चाहना छोड़ दिया तो लोग पूछना भी छोड़ देंगे !!!!,,,,,
यह कह कर मेरा दुश्मन मुझे हँसते हुए छोड़ गया, की तेरे अपने ही बहुत है तुझे रुलाने के लिए !!!!,,,,,
तेरी आंखों से एक चीज़ लाजवाब पीता हूँ, मैं हूँ तो बहोत गरीब पर सबसे महँगी शराब पीता हूँ !!!!,,,,,
तेरी सुरत को जबसे देखा है, मेरी आखों पे लोग मरते है !!!!,,,,,
बारिश की तरह कोई बरसता रहे हम पर, तो मिट्टी की तरह हम भी महकते रहे !!!!,,,,,
दिल के इश्तिहार को आँखो से पढ लिया किजीये हुजुर, हम अपने जज्बातो को हर वक्त बयाँ किया नहीं करते !!!!,,,,,
काश कुछ अल्फाज मुझे लिखने आ जाए, ताकी तुम क्या हो मेरे लिए ये हम तुम्हे बता पाए !!!!,,,,,
मैं फ़ना हो गया अफ़सोस वो बदला भी नहीं, मेरी चाहतों से भी अच्छी रही नफरत उसकी !!!!,,,,,
मुकद्दर में लिखा के लाये है, दर-ब-दर भटकना, मौसम कोई भी हो परिंदे मोहब्बत के परेशान ही रहते है !!!!,,,,,
काश ! ऐसी लापरवाही हो जाये मुझसे की, मैं अपनी गम की गठरी कहीं भूल जाऊ !!!!,,,,,
अजीब लोगों का बसेरा है तेरे शहर में, गुरुर में मिट जाते है मगर याद नहीं करते !!!!,,,,,
उसकी मोहब्बत का सिलसिला भी क्या अजीब है, अपना भी नहीं बनाती और किसी का होने भी नहीं देती !!!!,,,,,
रात जवान हो चली है, चलो चलते है छत पर, तुम देखना चाँद को, मैं तुम्हे देखूँगा !!!!,,,,,
इतना आसान हूँ की हर किसीको समझ आ जाता हूँ, शायद तुमने ही पन्ने छोड़ छोड़ कर पढ़ा है मुझे !!!!,,,,,
जिसे शिद्दत से चाहो वो मुद्दत से मिलता है, बस मुद्दतों से मिला ही नहीं कोई शिद्दत से चाहने वाला !!!!,,,,,
जानता हूँ तुम सो गयी हो मुझे पढ़ते हुए, मगर मैं रात भर जागूँगा, तुम्हे लिखते हुए !!!!,,,,,
हम ये नहीं चाहते की कोई आपके लिए दुआ ना मांगे, हम तो बस इतना चाहते है की कोई दुआ में आपको ना मांगे !!!!,,,,,
तेरी यादें अक्सर छेड़ जाया करती है, कभी अाँखों का पानी बनकर कभी हवा का झोंका बनकर !!!!,,,,,
कोई रिश्ता ना जोडो मगर सामने तो रहो, तुम अपने गुरुर में खुश और हम तेरे प्यार के सुरुर में खुश !!!!,,,,,
हौसला तो तुझ में भी ना था मुझसे जुदा होने का, वरना काजल तेरी आँखों का, यूँ ही ना फैला होता !!!!,,,,,
अकेला वारिस हूँ उसकी तमाम नफरतों का, जो शख्स सारे शहर में प्यार बाटंता है !!!!,,,,,
सुनो ना मेरी एक छोटी सी इच्छा है, एक टेबल, दो कॉफी, मैं और तुम !!!!,,,,,
तुम अपने जुल्म की इन्तहा कर दो, फिर कोई हम सा बेजुबां मिले ना मिले !!!!,,,,,
मेरा बस चले तो मैं तुम पर भी, ओन्ली मी वाली प्राइवेसी लगा दूँ !!!!,,,,,
ख़्वाब तेरे और अब देखे नहीं जाते, पास आ जाओ अब रूह ने पुकारा है !!!!,,,,,
जब उसका हाथ मेरे हाथ में आता है, दो हथेलियों के बिच ताजमहल बन जाता है !!!!,,,,,
यूँ ना खींच मुझे अपनी तरफ बेबस करके, ऐसा ना हो की खुद से भी बिछड़ जाऊं और तू भी ना मिले !!!!,,,,,
नींद से मेरा ताल्लुक़ ही नहीं बरसों से, ख्वाब आ आ के मेरी छत पे टहलते क्यों है !!!!,,,,,
दफ़्न-ए-खाक कर दो आज, या ये फ़ैसला कर दो, बस मुझपे इनायत करते हो या सच में मोहब्बत करते हो !!!!,,,,,
सोचते है सीख ले हम भी बेरुखी करना सबसे, सब को मोहब्बत देते देते हमने अपनी क़दर खो दी है !!!!,,,,,
बड़ी बरकत है तेरे इश्क़ में, जब से हुआ है, कोई दूसरा दर्द ही नहीं होता !!!!,,,,,
दिल ख़ुदा जाने किसके पास रहा, इन दिनों दिल बहुत उदास रहा !!!!,,,,,
कमाल की अदा है उसमे, वार भी दील पर और राज भी दील पर !!!!,,,,,
तुझे देखकर मेरा स्टाइल और मुझे देखकर तेरी स्माइल, अक्सर लोगो को बहोत जलाती है !!!!,,,,,
मेरी सांसे मोहताज है तेरी, अपना दीदार उधार दे दे !!!!,,,,,
हर सुबह यही सोचता हूँ की बहने न दूंगा मेरे आंसुओं को, रात होती है, ख्वाब आते है और मैं हार जाता हूँ !!!!,,,,,
अगर तेरे बिना जीना आसान होता, कसम मोहब्बत की तुझे याद करना भी गुनाह समझते !!!!,,,,,
तमाम जख्मो के साथ इसलिये जी रही हु की, एक दिन तो वो मिलेगा जो मरहम लगाना जानता है !!!!,,,,,
तेरी मेरी कहानी, जैसे बारिशो का पानी !!!!,,,,,
कितनी फिकर है कुदरत को मेरी तन्हाई की, जागते रहते है ये सितारे रातभर मेरे लिए !!!!,,,,,
हमे पता था की उसकी मोहब्बत में जहर है पर, उसके पिलाने का अंदाज ही ईतना प्यारा था की हम ठुकरा ना सके !!!!,,,,,
कोई और इल्जाम है तो वो भी देते जाओ, हम तो पहले से ही बुरे थे थोड़े और सही !!!!,,,,,
रुको मैं दिल दिखाता हूँ, नब्ज़ क्या खाक बोलेगी, मरीज-ए-इश्क हूँ साहिब, दवाएं दूर ही रखो !!!!,,,,,