Father Status
मेरी पहचान आप हैं, मेरी जमीं और आसमान भी आप हैं पापा,,,,,
बिना बताए मेरे मन की हर बात पढ़ लेते हैं, मेरे पापा मेरी हर बात मान लेते हैं,,,,,
सबसे खुशकिस्मत है वह इंसान, जिसके पास है पिता के प्यार की बेशुमार दौलत,,,,,
अंधेरी जिंदगी की राह दिखाने वाली मशाल हैं, जीवन की परेशानियों से बचाने वाली ढाल हैं, मेरे पापा मेरे लिए मिसाल हैं,,,,,
पिता वह कुम्हार हैं, जो अपनी डांट से ठोक-पीटकर, बच्चों को अच्छा इंसान बनाता है,,,,,
अपनी दुनिया में आकर पता चला, मेरी खुशियों के लिए कितना कुछ कुर्बान किया होगा आपने पापा,,,,,
अपने पिता को करता हूं शत-शत प्रणाम, जिन्होंने अपनी सारे इच्छाओं की बली देकर, मेरी ख्वाहिशों को दी उड़ान भरने की शक्ति। आज उनके एकाकी जीवन में अपनी दोस्ती का रंग भरकर, करता हूं उनके होंठों पर मुस्कान लाने की कोशिश,,,,,
जो मजा पापा के कंधों पर झूलने में आता था, वो मजा पार्क के झूलों में कहां है,,,,,
जिन्होंने मेरे बेरंग जीवन में, अपने खून-पसीने से खुशियों के रंग भरे हैं, बुढ़ापे में उनका सहारा बनकर, शायद उनकी जिंदगी में मैं दोबारा रंग भर पाऊंगा,,,,,
जब तक पिता का रहता है साथ, जिंदगी में नहीं पकड़ना पड़ता किसी का हाथ,,,,,
पापा खुशियां हैं, दुनिया हैं, संसार हैं, बिन पापा के अधूरा ये जीवन है,,,,,
जिनका प्यार कभी नहीं बदलता, वह हैं पापा, जो बुरे वक्त में कभी नहीं छोड़ते साथ, वह हैं पापा, ख्यालों में भी रखते हैं मेरा ख्याल, वह हैं पापा, मेरे होंठों की हर मुस्कान पर, दिल-ओ-जान लुटाने को जो रहते हैं हमेशा तैयार, वह हैं मेरे पापा,,,,,
पिता वह आसमां है, जिनका साया दुख में भी छाया देता है, और सुख में भी पिता भगवान का वह आशीर्वाद है, जो जिंदगी में असफल होने पर भी मिलता है, और सफल होने पर भी,,,,,
जो हिम्मत हारने पर देते हैं साहस, असफल होने पर बताते हैं सफलता का रास्ता, दुख के हर पल को भी बना देते हैं खुशनुमा,
वह और कोई नहीं, मेरे पापा ही तो हैं,,,,,
बचपन में जिन्होंने उंगली पकड़ कर चलना सिखाया, बड़े होकर सपनों को उड़ान भरना सिखाया, वही पापा छिपकर जताते थे प्यार, जिसकी मैंने हमेशा की शिकायत, आज खुद पापा बनकर इस छिपकर प्यार का अर्थ समझा हूं, पर आपको अपना प्यार नहीं समझा पाया,,,,,
कब का दुनिया मुझे कर देती बर्बाद, अगर पापा ने न दिया होता साथ, उस दिन समझ पाया सख्त दिखने वाले पापा का प्यार, जिस दिन उन्होंने पूरी दुनिया के खिलाफ जाकर दिया मेरा साथ,,,,,
पापा के सबक को जब-जब मैंने नहीं सुना, तब-तब मुसीबतों का पहाड़ मुझ पर टूटा, जब सबने साथ देने से कर दिया इनकार, तब पिता के कांपते हाथों ने ही दिया था सहारा,,,,,
दुनिया के तानों ने जब-जब की मुझे गिराने की कोशिश, पिता के मजबूत हाथों ने थामा है हाथ मेरा,,,,,
आपकी जिस सख्ती से थी नफरत, आज उसी पर प्यार आता है, काश! आज फिर से आपकी मिलती डांट, तो फिर तस्वीरों से न करनी पड़ती बात,,,,,
पिता उस दीये की तरह हैं, जो खुद जलकर, औलाद का जीवन रौशन करते हैं,,,,,
रब से है बस एक ही दुआ, मेरे पापा रहे सदा खुश, दूर रहे उनसे हर बदुआ,,,,,