Dard Status
दर्द सहते सहते इंसान उस मोड़ पे आ जाता है, की फिर उसे कुछ भी महेसुस नहीं होता !!??।,,,,
होती है लाखों जख्मों की दवा नींद, मगर होते है ऐसे गम भी जो सोने नहीं देते !!??।,,,,
कुछ मतलबी लोग ना आते, तो जिंदगी इतनी बुरी भी ना थी !!??।,,,,
कुछ लोग बदलने का कितना भी दावा क्यूँ ना कर ले, पर सच तो ये है की वो सिर्फ दिखावा कर रहे होते है !!??।,,,,
परखा बहोत गया मुझे, लेकिन समझा नहीं गया !!??।,,,,
डर लगता है मुझे अब हर शख्स की हमदर्दी से, एक शक्स ने दिलासे देकर मेरी दुनिया जो उजाड़ दी !!??।,,,,
कुछ लोग इसलिए नहीं रोते की वो कमजोर होते है, बल्कि इसलिए की वो मजबूत रहते रहते थक जाते है !!??।,,,,
जब इंसान अंदर से टूट जाता है, तो बाहर खामोश हो जाता है !!??।,,,,
आँखों में आँसू है फिर भी दर्द सोया है, देखने वाले क्या जाने की हँसाने वाला कितना रोया है !!??।,,,,
अक्सर टूटे हुए लोग, रातों को देर तक जागा करते है !!??।,,,,
कोई नहीं है दुश्मन अपना फिर भी परेशान हूँ मैं, अपने ही क्यूँ दे रहे है जख्म इस बात से हैरान हूँ मैं !!??।,,,,
ये संगदिल लोगों की दुनिया है जरा संभलकर चलना, यहाँ पलकों पर बिठाया जाता है नजरों से गिराने के लिए !!??।,,,,
हमको आता नहीं जख्मों की नुमाइश करना, खुद ही रोते है, तड़पते है और सो जाते है !!??।,,,,
दर्द इतना सहा मैंने की, दर्द ही महेबुब बन गया !!??।,,,,
वो शख्स इतना भी अच्छा नहीं था, जितना मैंने उसको समझ लिया था !!??।,,,,
दर्द जब हद से ज्यादा बढ़ जाए, तो वो ख़ामोशी का रूप ले लेता है !!??।,,,,
साँसों का टूट जाना तो दस्तूर है कुदरत का, जिस मोड़ पर अपने बदल जाये उसे मौत कहते है !!??।,,,,
शिकवा करे भी तो किससे करे हम, अपनों पर मरे हम और अपनों ने ही मारा हमें !!??।,,,,
मेरी आँखे खुली है और पलकों पर पानी है, शायद मेरे ख़्वाब मुझ पर ही रो रहे है आज !!??।,,,,
ऐसा भी क्या मिजाज की इतना उबल पड़े, बस एक जरा सी बात पर खंजर निकल पड़े !!??।,,,,
दुनिया में इतने मतलबी लोग भी होते है, जो मतलब निकलते ही अपना रंग दिखाना शुरू कर देते है !!??।,,,,
धुएँ से परेशान हर शख्स भागता नज़र आया, पर कोई भी ना मेरा घर जलता बचाने आया !!??।,,,,
अश्क बहकर भी कम नहीं होते, आँखें भी कितनी अमीर होती है !!??।,,,,
वक्त इशारा देता रहा और हम इत्तेफाक़ समझते रहे, बस यूँ ही धोखे ख़ाते गए और इस्तेमाल होते रहे !!??।,,,,
जरुरी तो नहीं है दोस्त, की जो मुस्कुरा रहा है वो खुश ही हो !!??।,,,,
फिर वो किसी और से जुड़ नहीं पाते, वो लोग जो अंदर से टूट जाते है !!??।,,,,
दर्द तो दर्द होता है मेरे दोस्त, समझने वाले नाम सुनकर ही समझ जाते है !!??।,,,,
लोग वादें तो हजारों करते है, पर निभाते एक भी नहीं !!??।,,,,
रहने दो अब तुम मुझे पढ़ ना सकोगे, बरसात में भीगे कागज़ की तरह है हम !!??।,,,,
लफ्ज झूठें हो सकते है, लेकिन आँसूं कभी नहीं !!??।,,,,
लगता था की ज़िन्दगी को बदलने में वक़्त लगेगा, पर क्या पता था बदलता हुआ वक़्त ज़िन्दगी बदल देगा !!??।,,,,
भरोसा नहीं है मुझ पर ? ये पूछकर कितने लोगो ने धोखे दिए !!??।,,,,
मगरूर नहीं हूँ बस दूर हो गया हूँ मैं, उन लोगों से जिन्हें मेरी कदर नहीं है !!??।,,,,
वो दर्द भुलाए से भी भुलाया नहीं जाता, वो दर्द जो अपनों ने दिया होता है !!??।,,,,
अब तो पत्थर भी बचने लगे है मुझसे, कहते है अब तो ठोकर खाना छोड़ दे !!??।,,,,
मैंने अपने ख्वाहिशो को दिवार में चुनवा दिया, खामखाँ जिंदगी में अनारकली बनके नाच रही थी !!??।,,,,
हाँ है मुझमे ग़लतफ़हमियाँ बहुत, की जब भी तुझे समझा अपना ही समझा !!??।,,,,
बड़े मजबूत हो जाते है वो लोग, जिनके पास खोने को कुछ नहीं बचता !!??।,,,,
जिन्दगी चाहती है की खुदकुशी कर लूँ मैं, और मैं चाहता हूँ की कोई हादसा हो जाए !!??।,,,,
ये बात मेरी समझ से परे है, की मेरे दर्द का अंत होगा या मेरी जिंदगी का !!??।,,,,
जख्म देना छोड दे ऐ जिंदगी, अब तो मरहम की डिब्बी भी खाली हो गई है !!??।,,,,
कोई कितना भी हिम्मत वाला क्यूँ ना हो, रुला देती है किसी ख़ास इंसान की कमी !!??।,,,,
ना साथ है किसीका ना सहारा है कोई, ना हम है किसीके और ना हमारा है कोई !!??।,,,,
आँसूं तब और भी ज्यादा निकलने लगते है, जब आपको रोने से मना करने वाला कोई भी ना हो !!??।,,,,
मेरी एक जिंदगी के कितने हिस्सेदार है, पर किसीकी जिंदगी में मेरा हिस्सा क्यूँ नहीं होता !!??।,,,,
ये अलग बात है की दिखाई न दे मगर शामिल जरूर होता है, खुदकुशी करने वाले का कोई न कोई कातिल जरूर होता है !!??।,,,,
जबरदस्ती के रिश्तों से दिल भर गया है मेरा, मेरे हो तो क़बूल करो या फिर मुझे आज़ाद करो !!??।,,,,
ना जाने रोज कितने लोग रोते रोते सोते है, और फिर सुबह झूठी मुस्कान लेकर सबको सारा दिन खुश रखते है !!??।,,,,
देश का भविष्य सड़कों पर भूखा सो रहा है, और सुना है की इंडिया डिजिटल हो रहा है !!??।,,,,
लोग हमारी कदर तब नहीं करते जब हम अकेले हो, बल्कि तब करते है जब वो खुद अकेले होते है !!??।,,,,
सुनो ठिकाने लगा दो मुझे, अब कोई ठिकाना नहीं मेरा !!??।,,,,
लोग कहते है की वक्त के साथ हर जख्म भर जाता है, हकीकत ये है की जख्म वही रहता है पर उसे सहने की आदत हो जाती है !!??।,,,,
कौन कहता है की आइना झूठ नहीं बोलता, वो सिर्फ होठों की मुस्कान देखता है दिल का दर्द नहीं !!??।,,,,
गलती ना जाने हम से कहाँ हो गई, लोग ऐसे भूल गए जैसे जानते ही नहीं !!??।,,,,
यूँ असर डाला है मतलबी लोगो ने दुनियाँ पर, हाल भी पूछो तो लोग समझते है की कोई काम होगा !!??।,,,,
ज़िन्दगी सस्ती है साहब, जीने के तरीके महंगे है !!??।,,,,
कुछ लोग बिना आँसूओं के भी, बहोत रोते है !!??।,,,,
मुझे बारिश में चलना पसंद है, ताकि कोई मेरे आँसूं न देख सके !!??।,,,,
कोई ऐसा ताबीज दो की मैं चालाक बन जाऊं, बहुत नुकशान देती है मेरी ये सादगी मुझे !!??।,,,,
अब मेरे पास मेरे सिवा कुछ भी नहीं, बैठी हूँ मैं अपना मुकद्दर भी हारकर !!??।,,,,
ना तुमसे कुछ गिला है ना ज़माने से कुछ कहा हमने, बरबाद हो गए है हम बड़ी सादगी के साथ !!??।,,,,
देखा है हमने ये आजमा कर, धोखा दे जाते है लोग करीब आ कर !!??।,,,,
रात को जरा सा कह दो की धीरे से गुजरे, काफी मन्नतो के बाद आज दर्द सो रहा है !!??।,,,,
अजीब पहेलियाँ है मेरे हाथों की लकीरों में भी, सफ़र तो लिखा है मगर मंजिल का कोई निशाँ नहीं !!??।,,,,
जख्म छुपाना भी एक हुनर है, वरना यहाँ हर मुठ्ठी में नमक है !!??।,,,,
बदला हुआ है आज मेरे आंसुओं का रंग, शायद दिल के ज़ख़्मों का कोई टांका उधड़ गया है !!??।,,,,
सबसे ज्यादा तकलीफ वो लम्हें देते है, जब आँख के आँसूं छुपाकर मुस्कुराना पड़ता है !!??।,,,,
बहोत मुश्किल होता है, दर्द को हँसकर बर्दाश्त करना !!??।,,,,
कुछ लोग होते ही है इतने स्वार्थी, मतलब ना हो तो ये भी नहीं पूछते की ज़िंदा हो या मर गए !!??।,,,,
जिनके होठों पे मुस्कान होती है, उनकी आँखें अक्सर उदास होती है !!??।,,,,
मेरे दर्द का जरा सा हिस्सा लेकर तो देखो, सदियों तक याद करते रहोगे तुम भी जनाब !!??।,,,,
कोई और तकलीफ दे तो सिर्फ गुस्सा आता है, जब कोई अपना तकलीफ दे तो गुस्से के साथ रोना आता है !!??।,,,,
कब्र में रखकर न ठहरा कोई भी, मैं नए घर में अकेला रह गया !!??।,,,,
है कौन ज़माने में मेरा पूछने वाला, नादान है जो कहते है की घर क्यूँ नहीं जाता !!??।,,,,
चेहरे बदल बदल कर मिलते है लोग मुझसे, इतना बुरा सुलूक क्यूँ मेरी सादगी के साथ !!??।,,,,
दाद दो हमारी की हम अब भी हँसते-मुस्कुराते है, वरना जो अन्दर से टूट जाए वो फिर कहाँ जी पाते है !!??।,,,,
खामोशी का भी अपना रुतबा होता है, बस समझने वाले कम होते है !!??।,,,,
बदनसीब हूँ मैं जो तुझे खरीद न पाया, खुशनसीब हो तुम जो चन्द रुपयों में बिक गए !!??।,,,,
शीशा टूटे और बिखर जाये वो बेहतर है, दरारे ना जीने देती है ना मरने !!??।,,,,
सामान बाँध लिया है मैंने भी अब बताओ ग़ालिब, कहाँ रहते है वो लोग जो कहीं के नहीं रहते !!??।,,,,
ए मौत लगा ले मुझे सीने से, तंग आ गया हूँ ऐसे जीने से !!??।,,,,
मैं रोज पिलाता हूँ उसे जहर का प्याला, एक दर्द जो मेरे अंदर है मरता ही नहीं !!??।,,,,
दर्द गूंज रहा है मेरे दिल में शहनाई की तरह, शायद मेरे जिस्म की मेरी मौत से सगाई हो रही है !!??।,,,,
आइना भी टूटकर ये कह गया मुझ से, ये तेरी झूठी मुस्कान अब बर्दास्त नहीं होती मुझ से !!??।,,,,
बहाना कोई तो दे ए जिन्दगी, की मैं जीने को मजबूर हो जाऊं !!??।,,,,
हवाओं ने शहर भर में धुंए का कारोबार कर रखा है, किसीका दिल जले या घर उसे क्या फर्क पड़ता है !!??।,,,,
सब ठीक हो जाएगा, ना जाने अब इस बात पे हँसी क्यूँ आती है !!??।,,,,
सिर्फ़ ख़ुशियों में ही शामिल है ज़माना सारा, कौन है वो जो मेरे दर्द का हिस्सा माँगे !!??।,,,,
कुछ लोगों को क्या खूब खुशियाँ मिलती है, प्यासे को पानी तक नहीं और समुन्दर में नदियाँ मिलती है !!??।,,,,
आज अचानक कोई मुझसे लिपट कर बहुत रोया, कुछ देर बाद एहसास हुआ ये तो मेरा ही साया है !!??।,,,,
दुनिया तो टूटते हुए तारे से भी दुआ मांगती है, कौन कहता है बरबादी किसीके काम नहीं आती !!??।,,,,
मुमकिन नहीं है हर रोज मोहब्बत के नए किस्से लिखना, मेरे दोस्तों अब मेरे बिना अपनी महफ़िल सजाना सीख लो !!??।,,,,
उम्मीद जिन लोगो से थी वो ही तन्हा कर गए, आज से किसीको नही कहेंगे की तुम मेरे हो !!??।,,,,
जो लोग सबकी फिकर करते है, अक्सर उनकी फिकर करने वाला कोई नहीं होता !!??।,,,,
सब कही ना कही #Set है, बस हम ही एक #Upset है !!??।,,,,
एक सफाइ अभियान मेरे दिल में भी चला देना साहब, बहुत से बिखरे सपनो का मलबा पडा है बरसो से !!??।,,,,
एक लम्बे अरसे बाद मुझे हंसी आयी, वो भी अपने ही हालत पर !!??।,,,,
मेरे दर्द को पढ़कर तुम मायूस ना होना यारों, हो सकता है तुम्हारी तक़दीर अच्छी हो !!??।,,,,
कुछ यूँ हुआ की जब भी जरुरत पड़ी मुझे, हर शख्स इत्तेफाक से मजबूर हो गया !!??।,,,,
शायद ख़ुशी का दौर भी आ जाए एक दिन, गम भी तो मिल गए थे तमन्ना किये बगैर !!??।,,,,
एक #Station जैसी है जिन्दगी मेरी, यहाँ लोग तो बहोत है पर अपना कोई नहीं !!??।,,,,
दिए है जिन्दगी ने कुछ जख्म ऐसे, जिन का मरहम तो वक्त भी नहीं !!??।,,,,
लोग आपकी मज़बूरी समझते है, तभी तो आपका फायदा उठाते है !!??।,,,,